Topics In This Lecture -
Vehicle Scraping Policy, Carbon Border Adjustment Mechanism, Right To Repair For Electronics, Gregarious Bamboo Flowering, Simlipal Forest Fire In Odisha, Sea Buckthorn, Carbon Sink In India, Ken Betwa Link Project, Water Conservation In India, Hydroponics, Tillage Agriculture
वाहन स्क्रेपिंग नीति
पुराने वाहनों से 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषण होता है। इस नीति का उद्देश्य पुराने वाहनों की संख्या कम करना है।
इसके लिए वाहन स्क्रेपिंग से संबंधित असंगठित उद्योगों को मान्यता देने का प्रस्ताव है।
इसे 10000 करोड का निवेश और 35000 रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
धुआं छोड़ने का परीक्षण, ब्रेक लगाने आदि आधारों पर वाहन की क्षमता का निर्धारण होगा। 15 वर्ष के बाद वाहन के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र आवश्यक होगा अन्यथा उसका पंजीकरण रद्द हो जाएगा।
Incentives -
रोड टैक्स में छूट (निजी वाहनों को 25% और वाणिज्यिक वाहनों को 15%)
स्क्रेपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर 5% तक की छूट देने हेतु वाहन निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा
पंजीकरण शुल्क में छूट
सिंपलीपाल टाइगर रिजर्व (उड़ीसा)
नेशनल पार्क, यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व
इसका नाम सिमुल शब्द अर्थात सिल्क कपास के नाम पर रखा गया। गर्मी का आगमन होने पर यहां के पर्णपाती वनों में शुष्कता बढ़ जाने से आग लग जाती है।
सिमलीपाल की सबसे ऊंची चोटी खैरीबुरी है।
यूरोपीय संघ के द्वारा राइट टू रिपेयर फॉर इलेक्ट्रॉनिक अधिकार
Carbon Border Adjustment Mechanism
Gregarious Bamboo Flowering (60-130yr) - Death Of Bamboo Plant)
सीबकथोर्न (हिमाचल प्रदेश)
यह समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाया जाने वाला अति सहनशील पौधा है जो -43 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक जीवित रह सकता है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हिमाचल के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्रों में इस पौधे को लगाने का प्रस्ताव किया है।
यह पौधा शुगर, कार्बनिक एसिड आदि से युक्त होने के कारण अत्यंत पोषक तत्वों से युक्त है। इसके साथ ही ईंधन के रूप में, चारे के रूप में, मृदा अपरदन रोकने में, चिकित्सीय क्षेत्र में यह पौधा अत्यंत उपयोगी है।
मंगोलिया चीन तिब्बत रूस कनाडा भारत-पाकिस्तान के समशीतोष्ण क्षेत्रों में यह पौधा पाया जाता है।
लद्दाख, स्पीति में यह पौधा होता है।
केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना आरंभ करने का प्रस्ताव
केन नदी से बेतवा में पानी पहुंचाया जाएगा
इसके अंतर्गत दाऊधन बांध का निर्माण होगा
नहर का निर्माण होगा
लोअर आयर परियोजना
कोठा बैराज
बीना संकुल बहुउद्देशीय परियोजना
10.62 लाख हेक्टेयर के कृषि क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी
62 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा
103 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन होगा
मध्यप्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, रायसेन
और उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को लाभ होगा
नकारात्मक पक्ष
दाऊधन बांध के कारण 4206 हेक्टेयर भूमि डूब जाएगी
भारत में कार्बन सिंक
क्या भारत शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बन सकता है?
1) 175 गीगावॉट नवीनीकृत ऊर्जा का लक्ष्य
2) 2030 तक वृक्ष आवरण द्वारा 2.5 से 3 बिलियन कार्बन सिंक
3) प्रतिपूरक वनीकरण निधि (कैंपा)
4) राष्ट्रीय हरित भारत मिशन (जलवायु संबंधी राष्ट्रीय कार्य योजना का एक भाग)
5) 2030 तक भूमि अवक्रमित शून्यता का लक्ष्य और 26 मिलियन हेक्टेयर अवक्रमित भूमि की बहाली
6) भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 - वनों में कुल कार्बन भंडार 42.6 मिलियन टन जो पहले से कहीं अधिक है
7) रसोई गैस हेतु उज्जवला योजना