Tuesday, 15 June 2021

Geography and You Magazine Summary Feb and March, Major Port Authorities Bill, 2020, Mahabahu, Brahmaputra Programme, Mega Investment Textiles Parks (MITRA), Nitrogen Use Efficiency - Optional Geography Current

Topics In This Lecture –

Major Port Authorities Bill, 2020, Mahabahu, Brahmaputra Programme, Mega Investment Textiles Parks (MITRA), Nitrogen Use Efficiency

Nitrogen-Use Efficiency

NUE is calculated as a ratio between nitrogen used and harvest: A higher number denotes low wastage.

With efficiency on the decline, farmers use more fertiliser in the hope of raising yield. This in turn worsens NUE.

Crops generally use up 30 percent of nitrogen fertilizer applied; the rest seeps into the environment, harming health and adding to climate change.

Nitrogen Pollution: the reason behind

Agriculture leads to 70 percent of nitrous oxide emissions in India.

Of this, 77 percent is contributed by fertilizers, mostly urea, according to the Indian Nitrogen Assessment published in 2017.

This greenhouse gas (GHG) is 300 times more potent than carbon dioxide.

Govt. announces launch of Mega Investment Textiles Parks (MITRA) scheme to make Indian textile industry globally competitive

The Government has proposed a scheme of Mega Investment Textiles Parks (MITRA) to enable the textile industry to become globally competitive, attract large investments, boost employment generation and exports. Presenting the Union Budget  2021-22 in the parliament today, Union Finance and Corporate Affairs Minister Smt. Nirmala Sitharaman said that this will create world-class infrastructure with plug and play facilities to enable create global champions in exports. MITRA will be launched in addition to the Production Linked Incentive Scheme(PLI).

Mahabahu-Brahmaputra Programme:

  • Aim: It will provide seamless connectivity to the Eastern parts of India. It includes various development activities for the people living around River Brahmaputra and River Barak.

Key Initiatives launched under the Mahabahu-Brahmaputra programme:

  • Ro-pax Vessel Services: These are water transport services. It launched between Neemati Ghat (Jorhat) and Majuli island, North Guwahati and South Guwahati as well as Dhubri and Hatsingimari. The benefits of this service include a reduction in travel time, vehicular emission and traffic on the road.
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  • Inland Water Transport(IWT) Terminal: It will be built at Jogighopa in Assam. The terminal will help in reducing the traffic on the Siliguri Corridor towards Kolkata and Haldia. It will facilitate the uninterrupted movement of cargo to the various North-Eastern States like Meghalaya and Tripura and to Bhutan and Bangladesh as well.
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  • Launch of E-Portals: E-Portals are launched to promote ease of doing business:
  • Car-D (Cargo Data) portal: It will collate cargo and cruise data on a real-time basis.
  • PANI (Portal for Asset and Navigation Information): It will act as a one-stop solution for providing information about river navigation and infrastructure.

Major Port Authorities Bill, 2020

प्रमुख पोर्ट प्राधिकरण बोर्ड:

प्राधिकरण के विषय में: इस विधेयक में प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह के लिये एक प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण बोर्ड (Board of Major Port Authority) के निर्माण का प्रावधान है। ये बोर्ड मौजूदा पोर्ट ट्रस्ट की जगह लेंगे।

सभी प्रमुख बंदरगाहों का प्रबंधन वर्ष 1963 के अधिनियम के अंतर्गत संबंधित पोर्ट ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य शामिल होते हैं।

रचना:

  1. विधेयक के अंतर्गत रेल मंत्रालय, रक्षा और सीमा शुल्क मंत्रालय, राजस्व विभाग के साथ-साथ जिन राज्यों में प्रमुख बंदरगाह हैं, उन राज्यों के प्रतिनिधियों को भी इस बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
  2. इसमें एक सरकारी नामांकित सदस्य और प्रमुख पोर्ट प्राधिकरण के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक सदस्य शामिल होगा।

शक्तियाँ:

  1. यह विधेयक बोर्ड को प्रमुख बंदरगाहों के विकास के लिये अपनी संपत्ति और धन का उपयोग करने की अनुमति देता है। बंदरगाह प्राधिकरण बोर्ड को भूमि सहित बंदरगाह से जुड़ी अन्य सेवाओं और परिसंपत्तियों के लिये शुल्क तय करने का अधिकार होगा।
  2. बाज़ार की परिस्थितियों के आधार पर सार्वजनिक–निजी साझेदार (Public Private Partner) तटकर तय करने के लिये स्वतंत्र होंगे।
  3. पोर्ट प्राधिकरण द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और बुनियादी ढाँचे के विकास के प्रावधान किये गए हैं।

न्यायिक बोर्ड:

एक न्यायिक बोर्ड का गठन किया जाएगा जो तत्कालीन प्रमुख बंदरगाहों हेतु टैरिफ प्राधिकरण (Tariff Authority for Major Port) के शेष कार्यों, बंदरगाहों और पीपीपी के बीच उत्पन्न विवादों आदि को देखेगा।

लक्ष्य:

विकेंद्रीकरण: निर्णय लेने की प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत करना और प्रमुख बंदरगाहों के प्रशासन में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना।


व्यापार और वाणिज्य: बंदरगाह के बुनियादी ढाँचे के विस्तार को बढ़ावा देना और व्यापार तथा वाणिज्य को सुविधाजनक बनाना।

निर्णय लेना: यह सभी हितधारकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से परियोजना निष्पादन क्षमता को बेहतर करते हुए तेज़ तथा पारदर्शी निर्णय प्रदान करता है।

रीओरिएंटिंग मॉडल: वैश्विक अभ्यास के अनुरूप केंद्रीय बंदरगाहों में शासन मॉडल को भू-स्वामी बंदरगाह मॉडल हेतु पुन: पेश करना।

महत्त्व:

लेवल-प्लेयिंग फील्ड: यह विधेयक न केवल प्रमुख और निजी बंदरगाहों के बीच बल्कि प्रमुख बंदरगाह टर्मिनलों और पीपीपी टर्मिनलों के बीच एक लेवल-प्लेयिंग फील्ड (Level-Playing Field) बनाने जा रहा है।

प्रमुख बंदरगाहों के अंदर पीपीपी टर्मिनल प्लेयरों को भी TAMP से टैरिफ अनुमोदन लेना पड़ा है। यह विधेयक इस निकाय से अनुमोदन लेना समाप्त कर देता है।

इसके कारण आने वाले वर्षों में पीपीपी के अंतर्गत बड़े बंदरगाहों में निवेश किये जाने की उम्मीद है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप: यह कदम निश्चित रूप से देश के आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) के दृष्टिकोण के अनुरूप है और यह भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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